गाँव का सफर

1 Part

327 times read

5 Liked

(पहले  कितने हसीन थे)   कच्ची दीवारों पर छप्पर पड़े थे... थे घर छोटे छोटे पर दिल के बड़े थे...   वो आमों की बगीयां वो सावन के झूले.. वो कपड़े ...

×